भारत में दिल्ली शहर में उपस्थित एक ऐतिहासिक किला लाल किला (Lal Kila) भारत में पर्यटकों के लिए एक बहुत ही खास जगह में से एक है। दूसरे देशों से आने वाले पर्यटक भी भारत के इस किले को देखना काफी पसंद करते हैं। लाल किला के बारे में बात करें तो आपको बता दें 1856 तक इसके लिए पर लगभग 200 सालों तक मुगल राजवंश के सम्राटों का राज था। यह किला दिल्ली के केंद्र में स्थित है। इसके साथ ही यहां पर कई संग्रहालय है भी स्थित है। यह किला मुगल बादशाह हो का राजनीतिक केंद्र था। दिल्ली का यह अकेला खासतौर पर होने वाली सभा के लिए स्थापित किया गया था। अगर आप लाल किला (Lal Kila) घूमने का प्लान कर रहे हैं। तो यह आपके लिए बहुत ही खास हो सकता है। लेकिन आपको यहां जाने से पहले इस जगह के बारे में कई जानकारियां प्राप्त होनी जरूरी है जो आपको हम इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं।
लाल किला (Lal Kila), का नाम लाल किला क्यों पड़ा?
लाल किला (Lal Kila) का निर्माण मुगल साम्राज्य के पांचवे बादशाह शाहजहां द्वारा सन 1646 में बनाया गया था। इसका नाम लाल किला (Lal Kila) इसकी लाल बलुआ पत्थर की विशाल दीवारों की वजह से पड़ा। यह किला 1546 ईस्वी में इस्लाम शाह सूरी द्वारा निर्मित पुराने सलीम गढ़ किले के बिल्कुल करीब बनाया गया है। इसके लिए कैसा ही हिस्से में एक मंडप की एक पंक्ति है। जिसे स्ट्रीम ऑफ पैराडाइज कहा जाता है। लाल किला परिसर का वह हिस्सा जो शाहजहां और मुगल रचनात्मक कलाकारों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है।
लाल किला (Lal Kila) का निर्माण किसने कराया?
इसका निर्माण सन 1646 ईस्वी में मुगल सम्राट के प्रख्यात बादशाह शाहजहां ने करवाया था। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने कुछ बेहतरीन वस्तु सिर्फ बनवाई थीइसका निर्माण जो दुनिया भर में मुगल वास्तुकला का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता हैइसका निर्माण इन सभी में से ताजमहल भी एक मुगल वास्तुकला का एक ऐतिहासिक हिस्सा है।
लाल किला (Lal Kila) क्यों प्रसिद्ध है
मुगल राजधानी आगरा से शाहजहानाबाद चले जाने के बाद लाल किले का निर्माण मुगल सम्राट के नहीं राजधानी के रूप में किया गया था। लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है जिसकी दीवार वाला गढ़पुरा होने में लगभग 1 दशक का समय लग गया था। ऐसे बताया जाता है कि यह किला मुगल साम्राज्य की पिछली पीढ़ी की तुलना में अच्छी तरह से नियोजित और व्यवस्थित बना हुआ था। लाल किले पर राज करने वाले अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर था। इसके बाद इसके लिए पर अंग्रेजों ने कब्ज़ा कर लिया।
लाल किला (Lal Kila) का इतिहास
लाल किला 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहां के माल के रूप में बनाया गया और इसे तब बनाया गया था। जब उन्होंने दिल्ली को राजधानी शहर के रूप में इस्तेमाल किया था। लाल किले में कई मंडप मौजूद है जो मुगल सम्राट की रचनात्मक कला को दर्शाता है। इसको को वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने डिजाइन किया। लाल यमुना नदी के किनारे बनाया गया है। आपको इस बड़े से लाल किले को बनाने में लगभग 10 साल का समय लगा था। लाल किला शुरू से ही कई सम्राटों और राजाओं का निवास चल रहा हैलाल किला जिन्होंने यहां से शासन किया लाल किले का नाम लाल किला इसलिए रखा गया है। लाल किला क्योंकि यह लाल बलुआ पत्थर से निर्मित किया गया है। लाल किला देश का एक ऐसा जगह है जहां भारत के प्रधानमंत्री स्वतंत्र दिवस के मौके पर अपना भाषण और राष्ट्रीय ध्वज पर आते हैं।
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जब शाहजहां ने अपना शासन का शुरूआत किया तब इसे शाहजहानाबाद के नाम से जाना जाता था। अब इसे दिल्ली कहते हैं। शाहजहां के इसके लिए पर शासन करने के बाद उनके बेटे औरंगजेब ने मुगल राजवंश पर अपना शासन किया। अपनी चमक खोने लगा था। औरंगजेब ने अपना संपूर्ण शासनकाल लाल किले से चलाया। आपको बता दें कि लाल किले में मौजूद एक चांदी की छत है। जिसको बाद में शासन चलाने के लिए पैसे जुटाने के उद्देश्य से तांबे की छत में बदल दिया गया था। इसके बाद साल 1973 में 1 साल से सम्राट नादिरशाह ने लाल किले पर अपना कब्जा कर लिया और लाल किले के मूल्यवान संपत्ति छीन ली।
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