जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत कोई 56 करोड़ देवी देवताओं की भूमि कहा जाता है। आज भारत देश में इन्हीं देवताओं को समर्पित हजारों मंदिर मौजूद है। जो अपने आप में आस्था का केंद्र बने हैं इन मंदिरों का निर्माण कई शताब्दी पहले से किया जाता रहा है। कुछ मंदिर तो ऐसे हैं जिनकी उत्पत्ति या निर्माण अवधि तक अभी हमें ज्ञात नहीं है। जबकि कुछ भारत के प्राचीन मंदिर (Historical Temples of India) का निर्माण तो कई 100 साल पहले ही किए जा चुके हैं। इनमें से ना केवल साईं और प्राचीन संस्कृति को दर्शाया गया है। बल्कि उच्च धार्मिक महत्व को भी दर्शाया गया है जो देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पर्यटक को इतिहास का कला प्रेमियों को अपनी तरफ आकर्षित करते आ रहा है। आज यह मंदिर हमें उन दिनों के हमारे अतीत और सिर्फ कारों के स्थापत्य कला प्रतिभा की याद दिलाता है।
यह भी पढ़े : दिल्ली का लाल किला (Lal Kila) का इतिहास
अगर आप भारत के प्राचीन मंदिरों (Historical Temples of India) के बारे में जाने के लिए अति उत्साहित है। तो आज कि हम अपने इस लेख में आपको बताने जा रहे हैं कि भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक और सबसे पुरानी मंदिर (Historical Temples of India) का इतिहास कैसा रहा है।
भारत के प्राचीन मंदिर (Historical Temples of India)
वैसे तो संपूर्ण भारत में कई हजार मंदिर स्थापित है लेकिन आज हम उन सभी मंदिरों के बारे में बात ना करते हुए आपको भारत के सबसे प्रसिद्ध पुराने मंदिर (Historical Temples of India) के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनकी स्थापना आज से कई साल पहले हो चुकी है।
कैलाश मंदिर, औरंगाबाद (Kailash Temple, Aurangabad)
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में सबसे प्राचीन गुफाओं में से प्रसिद्ध गुफा एलोरा की गुफा में स्थित कैलाश मंदिर भारत का सबसे पुराना मंदिर (Historical Temples of India) में से एक है। हिंदू देवताओं में भगवान शिव को समर्पित कैलाश मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में 757 से 783 ईसवी के बीच राष्ट्रकूट वंश के राजा नरेश कृष्ण प्रथम के द्वारा या गया था। यह मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है जो अपने विशाल आकार अद्भुत वास्तुकला और नक्काशी, अखंड स्तंभों पर जानवरों और देवी-देवताओं की मूर्तियों की जटिल डिजाइन और कलाकृति के लिए प्रसिद्ध है।
शोर मंदिर, महाबलीपुरम (Shoor Mandir, Mahabalipuram)
शोर मंदिर तमिलनाडु राज्य के महाबलीपुरम नामक स्थान पर स्थित है यह मंदिर तमिलनाडु का प्रसिद्ध मंदिर है और मंदिर का निर्माण राजा नरसिंह वर्मन प्रत्येक के शासनकाल में कराया गया था। इसका निर्माण 700 – 728 ईसवी के बीच कराया गया था। प्राचीन द्रविड़ शैली में निर्मित या शोर मंदिर भारत के प्रमुख ऐतिहासिक मंदिरों (Historical Temples of India) में से एक है। जिसमें पल्लव वंश के शाही कला संस्कृति और समाज को दर्शाया गया है आपको बता दें कि शोर मंदिर को वर्ष 1984 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची के रूप में भी शामिल किया जा चुका है। भगवान शिव और श्री हरि विष्णु को समर्पित यह शोर मंदिर 5 मंजिला पत्थरों से निर्मित संरचना है जिसमें 3 दर्शनीय मंदिर बने हुए हैं। यदि आप यात्रा के लिए भारत के सबसे पुराने मंदिर को ढूंढ रहे हैं तो यह शोर मंदिर घूमने जरूर जाना चाहिए। यकीन माने इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और प्राचीन वास्तु कला आपको बेहद आकर्षक अनुभव देगा।
द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका (Dwarkadhish Temple, Dwarka)
भारत के गुजरात राज्य की पवित्र नगरी द्वारका में गोमती नदी के किनारे स्थित द्वारकाधीश मंदिर भारत के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों (Historical Temples of India) में से एक है। जिसे 22 वर्ष पुराना माना जाता है भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर को एक भव्य मंदिर माना जाता है। जिसे जगत मंदिर के नाम से भी पुकारा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वारकाधीश मंदिर का निर्माण लगभग 2200 साल पहले कृष्ण के पात्र नाथद्वारा हरी गृह के रूप में करवाया गया था। लेकिन इस मंदिर के मूल संरचना 1472 ईस्वी में महमूद बेगड़ा द्वारा नष्ट कर दिया गया था और बाद में पुनः 15 – 16 वीं शताब्दी में इसका पुनर्निर्माण कराया गया।
सूर्य मंदिर, कोणार्क (Surya Temple, Konark)
उड़ीसा राज्य के पुरी के पूर्वोत्तर कोने पर स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है और उड़ीसा के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों (Historical Temples of India) में से एक कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण गंग वंश के महान शासक राजा नरसिम्हा देव प्रथम ने अपने शासनकाल 1243 – 1255 ईस्वी के दौरान लगभग 12 कारीगरों की मदद से कराया था। तेरहवीं शताब्दी के मध्य में कोणार्क का सूर्य मंदिर कलात्मक भव्यता और इंजीनियरिंग का अद्भुत विशाल संगम है। क्योंकि गंग वंश के शासक सूर्य की पूजा किया करते थे। इसलिए कलिंग शैली से निर्मित इस मंदिर में सूर्य देवता को औरत के रूप में विराजमान दिखाया गया है तथा पत्थरों को उत्कृष्ट काशी के साथ उकेरा गया है। आपको बता दें कि मंदिर परिसर के अंदर एक पुरातात्विक संग्रहालय भी मौजूद है जिसमें प्राचीन काल की कई वस्तुओं को संग्रहित किया गया है।
बदामी गुफा मंदिर, कर्नाटक (Badami Cave, Karnataka)
बदामी गुफा मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के बालाघाट जिले में स्थित एक ऐतिहासिक मंदिर है। जो भगवान विष्णु को समर्पित है बदामी की इस गुफा मंदिर में चार अलग-अलग मंदिर है। मंदिर में जल निकासी के साथ-साथ अद्भुत चित्रण किया गया है। इन राशियों में पहले तीन मंदिर में शिव विष्णु और ब्राह्मण से लेकर प्रतिनिधित्व करते हुए दिखाया गया है। चौथा मंदिर जैन को समर्पित किया गया है। भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिरों में शामिल बदामी गुफा मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी से आठवीं शताब्दी के दौरान पल्लव वंश के शासकों के द्वारा किया गया था। इस प्राचीन मंदिर (Historical Temples of India) का ऐतिहासिक महत्व के कारण यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया है।
लेटेस्ट न्यूज़ और जानकारी के लिए हमे Facebook, Google News, YouTube, Twitter,Instagram और Telegram पर फॉलो करे